
यह पुस्तक हिंदी की कहावतों और सूक्तियों पर आधारित एक अद्वितीय संग्रह है, जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और
ीवन दर्शन का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती है। इसमें कुल नौ अध्याय हैं—हमारा युग, जीवन, परिवर्तन, नेतृत्व, पुरुष एवं स्त्री, परिवार, शिक्षा, भूमंडलीकरण और इतिहास— जो प्रत्येक विषय को केंद्र में रखते हुए संबंधित कहावतों और जन संपदा से प्राप्त ज्ञान को प्रस्तुत करतें हैं।हर अध्याय एक विशेष पहलू को उजागर करता है। हमारा युग वर्तमान समय की मानसिकता और सामाजिक बदलावों पर केंद्रित है। जीवन अध्याय मानव जीवन की गहराइयों, उसकी चुनौतियों और मूल्यों को कहावतों के माध्यम से व्यक्त करता है। परिवर्तन में समय के साथ होते परिवर्तनों और उनके प्रभावों को पारंपरिक ज्ञान की दृष्टि से समझाया गया है। नेतृत्व अध्याय में नेतृत्व के गुण, जिम्मेदारी और प्रेरणा की बातें कहावतों के रूप में सामने आती हैं। पुरुष एवं स्त्री में लैंगिक भूमिकाओं और सामाजिक दृष्टिकोण को पारंपरिक कहावतों के माध्यम से विश्लेषित किया गया है। परिवारअध्याय पारिवारिक मूल्यों और संबंधों की गहराई को उजागर करता है, जबकि शिक्षा ज्ञान, शिक्षक और अध्ययन के महत्व को उजागर करती है। भूमंडलीकरण अध्याय में वैश्विक प्रभावों और स्थानीय संस्कृति के बीच संतुलन को दर्शाने वाली कहावतें प्रस्तुत की गई हैं। इतिहास अध्याय में हमारे अतीत से जुड़ी सीख और गौरवशाली विरासत को हिंदी की प्रचलित कहावतों के माध्यम से जीवंत किया गया है।
यह पुस्तक न केवल कहावतों का संग्रह है, बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज भी है, जो पाठकों को सोचने और आत्ममंथन करने के लिए प्रेरित करती है।
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